बुधवार, 27 जनवरी 2010

टिकटों का मंथन!

पटेलाई...

मां! तुम भी...?


आरक्षण का खेल...


भेड़ की खाल में...


ये कैसा ई मेल?

आओ तुम्हें महंगाई की सेर कराएं !

बिन बिजली! करने लगता हूँ तांडव


हाय! मार डाला...ये केसी महंगाई ?


क्या ऐसे मिलेगी नोकरी....?!


रविवार, 24 जनवरी 2010

हाई टेक म माँ .....


एक वोट सरकार बदल सकता है ....


ये क्या हो रहा है ?



वाह! मेरे पांडवों ....!


मेरा चाँद नजर आय है ...!


बिना मेहनत कभी कुछ मिला है !

आतंक का राग .....!


हम कहाँ जा रहे है.......


सोमवार, 18 जनवरी 2010

सोन परी ...

मनमोहनी सुरत .....



आका....

गजगामनी.......

खिचे जाओ ......!

नरेगा का खेल ....!!

टिकिट मंथन


स्चच्छ छवि

मंथन