बुधवार, 27 जनवरी 2010

टिकटों का मंथन!

पटेलाई...

मां! तुम भी...?


आरक्षण का खेल...


भेड़ की खाल में...


ये कैसा ई मेल?

आओ तुम्हें महंगाई की सेर कराएं !

बिन बिजली! करने लगता हूँ तांडव


हाय! मार डाला...ये केसी महंगाई ?


क्या ऐसे मिलेगी नोकरी....?!